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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को घोषणा की कि वह अपने अगले चंद्र अभियान, चंद्रयान-4 की तैयारी में जुट गया है। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद, जिसमें भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना, अब चंद्रयान-4 को और भी उन्नत तकनीक और अनुसंधान उद्देश्यों के साथ लॉन्च किया जाएगा। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें India News in Hindi
ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-4 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से सैंपल एकत्र करना और उन्हें पृथ्वी पर लाना है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में एक और बड़ी छलांग साबित हो सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन के लिए वैज्ञानिकों की एक विशेष टीम गठित की गई है, जो डिजाइन, तकनीकी आवश्यकताओं और लॉन्च की संभावित तारीख पर काम कर रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-4 मिशन को वर्ष 2027 तक लॉन्च करने की योजना है।
भारत के इस अंतरिक्ष अभियान को वैश्विक स्तर पर भी सराहना मिल रही है। अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों के अंतरिक्ष एजेंसियों ने ISRO के साथ सहयोग की संभावनाएं भी जताई हैं।
जनता के बीच इस मिशन को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इसे भारत की वैज्ञानिक क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक मान रहे हैं। और अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें Aaj Ki Taza Khabar
यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो चंद्रयान-4 भारत को न केवल चंद्रमा की खोज में अग्रणी बना सकता है, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।